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कॉफी

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कॉफ़ी के प्याला

कॉफ़ी (अरब. قهوة क़हवा उत्तेजक पेय पदार्थ) — एगो लोकप्रिय पेय पदार्थ (साधारणतया गर्म) छेकै, जे कॉफ़ी केरो पेड़ केरो भुनलो बीजो सँ बनैलो जाय छै। कॉफ़ी म कैफ़ीन होय के कारण उ हल्का उद्दीपक स प्रभाव डालै छै। हेकरो विषय म वैज्ञानिक के कोय निश्चित मत नय छै। जहाँ एक ओर कहलो जाय छै, कि कॉफ़ी स शुक्राणु के सक्रियता बढ़ै छै,[] वहीं दूसरो ओर कुछ अध्ययन म ई भी पता चलै छै कि अधिक कॉफ़ी पीला स मतिभ्रम भी होय सकै छै।सन्दर्भ त्रुटि: <ref> टैग के लिए समाप्ति </ref> टैग नहीं मिला वहीं दूसरो ओर कुछ अध्ययन म ई भी पता चलै छै कि अधिक कॉफ़ी पीला स मतिभ्रम भी होय सकैय छै।[]

कॉफी शब्द इस क्षेत्र के कफ़ा, इथियोपिया से निकला है। कॉफी गहरे रंग का पेय होता है। कॉफी की शुरुआत पंद्रहवी शताब्दी के बाद हुई थी और १५८२ में इसे इंग्लिश भाषा की डिक्शनरी में जोड़ा गया था। काफी को इथियोपिया के लोग इसे आधुनिक पेय के रूप में वहां का पेय खोज कहते हैं लेकिन इसे येमेन, सऊदी अरेबिआ में देखा गया था ।

स्वास्थ्य लेली कॉफी के फायदा

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स्वास्थ्य के नजरिए से कॉफी[] का सेवन फायदेमंद हो सकता है। जानते हैं इससे होने वाले फायदों के बारे में।

1. एनर्जी बूस्ट करने के लिए: काफी का सेवन एनर्जी को बूस्ट कर थकान को दूर करने के लिए किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, कॉफी में कैफीन पाया जाता है, जो काम करने की क्षमता बढ़ाने में मददगार हो सकता है। इसके अलावा, कैफीन युक्त पेय पदार्थ कॉग्निटिव (मस्तिष्क सम्बन्धी) कार्यप्रणाली में भी सुधार कर सकते हैं।

2. मोटापा कम करे: कॉफी में मौजूद कैफीन की मात्रा भोजन से ऊर्जा बनाने की प्रक्रिया यानी मेटाबॉलिज्म को बढ़ा सकता है। इससे पैदा होने वाली गर्मी बढ़ते वजन को नियंत्रित करने में मददगार हो सकती है। इसे Thermogenesis Effect कहा जाता है।

3. डायबिटीज को नियंत्रित करे: रक्त में मौजूद ग्लूकोज का स्तर बढ़ने पर मधुमेह यानी डायबिटीज की समस्या हो सकती है। इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए भी काफी का सेवन लाभदायक माना गया है। रिसर्च में जिक्र मिलता है कि प्रतिदिन कॉफी पीने से टाइप 2 मधुमेह का जोखिम 30 प्रतिशत तक कम हो सकता है।

4. लिवर को रखे स्वस्थ: लिवर को स्वस्थ रखने के लिए भी कॉफी को फायदेमंद माना जा सकता है। रिसर्च के अनुसार, लेनिन एमिनोट्रांस्फरेज (Alanine Aminotransferase) और एस्पारटेट एमिनोट्रांस्फरेज (Aspartate Aminotransferase) नामक एंजाइम का स्तर बढ़ने से लिवर को क्षति होती है। वहीं, रोजाना कॉफी पीने वाले लोगों में ये दोनाें एंजाइम की मात्रा कम पाई गई[]

5. तनाव रखे दूर: कॉफी में पाया जाने वाला कैफीन कुछ हद तनाव को दूर रखने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। कॉफी में मौजूद कैफीन अल्फा-एमिलेज (sAA) नामक एंजाइम को बढ़ा सकता है, जो तनाव की स्थिति में फायदेमंद हो सकता है। एक अन्य रिसर्च में भी माना गया है कि कॉफी के सेवन से तनाव के स्तर में कमी आ सकती है।

6. अल्जाइमर के लिए: याद रखने व सोचने की क्षमता कम होने को अल्जाइमर कहा जाता है। इस समस्या में भी काॅफी का सेवन फायदेमंद हो सकता है। शोध में पाया गया कि कॉफी का सेवन कॉग्निटिव यानी मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, जो इसमें पाए जाने वाले कैफीन की वजह से होता है[]

7. स्ट्रोक के जोखिम को करे दूर: कॉफी का सेवन स्ट्रोक के जोखिम से बचाने में भी फायदेमंद हो सकता है। एक शोध के अनुसार, उच्च रक्तचाप, डायबिटीज और हृदय रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याएं स्ट्रोक के जोखिम का कारक हो सकती हैं। वहीं, नियमित रूप से कॉफी का सेवन इस समस्या को कुछ हद तक कम करने में लाभदायक हो सकता है।

8. कैंसर से बचाए: कैंसर से बचने के लिए भी कॉफी का सेवन किया जा सकता है। रिसर्च के अनुसार रोजाना 2 कप कॉफी का सेवन लिवर कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर और एंडोमेट्रियल कैंसर के जोखिम से बचाने में मददगार हो सकता है। ध्यान रहे कि कॉफी का अधिक सेवन कैंसर की समस्या का कारण भी बन सकता है।

9. त्वचा को रखे स्वस्थ: स्वस्थ त्वचा के लिए भी कॉफी का इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है, इसलिए कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में कॉफी का उपयोग विशेष रूप से किया जाता है। काॅफी में पाया जाने वाला कैफीन त्वचा को हानिकारक अल्ट्रावायलेट रेडिएशन के प्रभाव से बचा सकता है। कैफीन त्वचा में आसानी से समा जाता है और त्वचा की कोशिकाओं में फैट को जमने से रोक सकता है।

10. बालों के लिए फायदेमंद: बालों के लिए भी कॉफ़ी का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है, एक रिसर्च के मुताबिक कॉफ़ी में मौजूद कैफीन डीएचटी के प्रभाव को कम करता है जिससे बालों की ग्रोथ बढती है और सिर का ब्लड सर्कुलेशन और बेहतर तरीके से होता है. []

केना इस्तेमाल करौं

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कॉफी का सेवन अलग-अलग प्रकार से किया जा सकता है, जिसके बारे में नीचे बताया गया है:

  • ब्लैक कॉफी के रूप में इसका सेवन आम है। इसे बनाने के लिए सिर्फ गर्म पानी में एक छोटा चम्मच कॉफी पाउडर डालें और ब्लैक कॉफी तैयार हो जाती है।
  • सामान्य कॉफी को जायकेदार बनाने के लिए कोको पाउडर को दूध, क्रीम और शुगर के साथ मिलाया जा सकता है।
  • कोल्ड कॉफी भी लोगों के बीच लोकप्रिय है और इसे बनाना भी आसान है। बस इतना करना है कि पानी में कॉफी, शक्कर और आइस क्यूब को डालें और इन्हें मिक्सर में डालकर अच्छी तरह से मिला लें, लीजिए कोल्ड कॉफी तैयार है।
  • फिल्टर कॉफी को भी लागों के बीच काफी पसंदी किया जाता है और लोग चाव से इसका सेवन करते हैं।
  • कॉफी के हेयर व स्किन मास्क भी बनते हैं, जो त्वचा व बालों के लिए लाभकारी होते हैं।
कैपेचिनो कॉफी
लेट्टे कॉफी
फिल्टर कॉफी

यह माना जाता है कि कॉफ़ी का पौधा सबसे पहले ६०० ईस्वी में इथियोपिया के कफ़ा प्रांत में खोजा गया था। एक दंतकथा के अनुसार एक आलसभरी दोपहर को यह निराला पौधा कलड़ी नामक इथियोपियाई गड़रिये की नज़र में तब आया, जब उसने अपने पशुओं के व्यवहार में अचानक चुस्ती और फुर्ती देखी। सारी भेड़ें एक पौधे के गहरे लाल रंग के बीजों को चर रही थीं, जिसके बाद वे पहले से ज़्यादा ऊर्जावान और आनंदित लग रहीं थीं। कलड़ी ने स्वयं भी कुछ बीज खाकर देखे और जल्द ही उसे भी अपनी भेड़ों की तरह अपने भीतर एक ऊर्जा और शक्ति का अनुभव हुआ।[]

कॉफी केरो प्रकार

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कॉफी कई प्रकार की होती है। एस्प्रेसो- जिसे इसे बनाने के लिये, कड़क ब्लैक कॉफ़ी को एक एस्प्रेसो मशीन में भाप को गहरे-सिंके हुए तेज़ गंध वाले कॉफ़ी के दानों के बीच से निकालकर तैयार किया जाता है। इसकी सतह पर सुनहरे-भूरे क्रीम के (झाग) होते हैं। कैपेचीनो- गरम दूध और दूध की क्रीम की समान मात्रा से मिलकर बनती है। []कैफ़े लैट्टे कैफ़ै लैट्टे में एक भाग एस्प्रेसो का एक शॉट और तीन भाग गर्म दूध होता है। इतालवी में लैट्टे का अर्थ दूध होता है। जिसके कारण इसका यह नाम पड़ा है। फ़्रैपी- ठंडी एस्प्रेसो होती है, जिसे बर्फ़ के साथ एक लंबे गिलास में पेश किया जाता है और अगर इसमें दूध भी मिलाया जा सकती हैं। दक्षिण भारतीय फ़िल्टर कॉफ़ी को दरदरी पिसी हुई, हल्की गहरी सिंकी हुई कॉफ़ी अरेबिका से बनाया जाता है। इसके साथ पीबेरी के दानों को सबसे अधिक पसंद किया जाता है। इसे परोसने किए जाने के पहले एक पारंपरिक धातु के कॉफ़ी फ़िल्टर में घंटों तक रिसा कर अथवा टपकाकर तैयार किया जाता है। इस्टेंट कॉफ़ी (या सॉल्यूबल कॉफ़ी) को कॉफ़ी के द्रव को बहुत कम तापमान पर छिड़काव कर सुखाया जाता है। फिर उसे घुलनशील पाउडर या कॉफ़ी के दानों में बदलकर इंस्टेंट कॉफ़ी तैयार की जाती है। मोचा या मोचाचिनो, कैपेचिनो और कैफ़े लैट्टे का मिश्रण है जिसमें चॉकलेट सिरप या पाउडर मिलाया जाता है। यह कई प्रकार में उपलब्ध होती है। ब्लैक कॉफ़ी टपकाकर तैयार की गई छनी हुई या फ़्रेंच प्रेस शैली की कॉफ़ी है जो बिना दूध मिलाए सीधे सर्व की जाती है। आइस्ड कॉफ़ी में सामान्य कॉफ़ी को बर्फ़ के साथ और कभी-कभी दूध और शक्कर मिलाकर परोसा जाता है।[]

भुने हुए कॉफी के बीज
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  3. [१]
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