गुण
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गुण जीवमात्र की सद प्रवृति है जिसके कारण वह विशिष्ट बनता है। अंग्रेजी में इसके लिए 'वर्चू' (Virtue) शब्द है जिसे लैटिन भाषा के 'वर्चुअस' शब्द से बना है। मनुष्य की नैतिक उत्तमता को को ही गुण कहते हैं। गुण, उत्तमता की एक प्रवृति या लक्षण है। व्यक्तिगत गुण व्यक्ति को महान बनाने वाले लक्षण है। इसलिए इसे उत्तमता से परिभाषित किया जाता है। गुण का विपरीतार्थक 'अवगुण' है।
गुण और मूल्य
[संपादित करें]मूल्यों के विस्तृत भाव को गुण कहा जा सकता है। प्रत्येक व्यक्ति के मनोभाव में विचार और विश्वास के प्रति कुछ मूल्य होते हैं।
कुछ प्रमुख गुण:
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चार पाश्चात्य क्लासिक गुण
[संपादित करें]- temperance: σωφροσύνη (sōphrosynē)
- prudence: φρόνησις (phronēsis) विवेक
- fortitude: ανδρεία (andreia)
- justice: न्याय δικαιοσύνη (dikaiosynē)
टिप्पणी
[संपादित करें]इन्हें भी देखें
[संपादित करें]- गुण (भारतीय संस्कृति) - भारतीय संस्कृति में 'गुण' की अवधारणा
- गुण (जैन दर्शन) - जैन दर्शन में गुण जी अवधारणा
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- A New Science of Virtues
- An overview of Aristotle's ethics, including an explanation and chart of virtues
- Virtue Epistemology
- Virtue, a Catholic perspective
- Virtue, a Buddhist perspective
- Greek Virtue (quotations)
- Peterson & Seligman findings on virtues and strengths (landmark psychological study)
- The Virtues Project
- Illustrated account of the images of the Virtues in the Thomas Jefferson Building, Library of Congress, Washington DC