गोरक्षशतक
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गोरक्षशतक हठयोग का ग्रन्थ है। इसके रचयिता गुरु गोरखनाथ हैं। यह ग्रन्थ हठयोग का सम्भवतः सबसे प्राचीन उपलब्ध ग्रन्थ है।
गोरक्षशतक में १०१ श्लोक हैं जिनमें आसन, प्राण-संरोध (प्राणायाम, मुद्रा तथा जपेदोंकार (ओंकार का जाप) का वर्णन है। इसके अलावा योग के 'कार्यिकी' के कुछ विषयों जैसे कण्ड, नाड़ी, चक्र, कुण्डलिनी आदि का वर्णन है।
बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]- गोरक्षशतकम् (संस्कृत विकिस्रोत)
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