सती
प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]सती ^१ वि॰ स्त्री॰ [सं॰] अपने पति को छोड़ और किसी पुरुष का ध्यान मन में न लानेवाली । साध्वी । पतिव्रता ।
सती ^२ संज्ञा स्त्री॰
१. दक्ष प्रजापति की कन्या जो भव या शिव को व्याही गई थी ।
२. पतिव्रता स्त्री ।
३. वह स्त्री जो अपने । पति के शव के साथ चिता में जले । सहगामिनी स्त्री । मुहा॰—सती होना = (१) मरे हुए पति के शरीर के साथ चिता में जल मरना । सहगमन करना । (१) किसी के पीछे मर मिटना ।
४. मादा । मादापशु ।
५. गंधयुक्त मृत्तिका । सोंधी मिट्टी ।
६. एक छंद जिसके प्रत्येक चरण में एक नगण और एक गुरु होता है ।
७. विश्वामित्र की स्त्री का नाम ।
८. अंगिरा की स्त्री का नाम ।
९. सन्यासिनी (को॰) ।
१०. दुर्गा या पार्वती का एक नाम (को॰) ।
सती पु ^३ संज्ञा पुं॰ [हिं॰ सत ( = सत्य) + ई (प्रत्य॰)] सत्यान्वेषी । सत्य का अनुगमन करनेवाला । उ॰—
सती प्रथा संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ सती + प्रथा] पति के मरण के उपरांत पत्नी की उसके साथ सहगमन या जल जाना । विशेष—अंगरेजी शासन काल में सार्ड विलियम बेंटिक ने कानून बनाकर इस प्रथा को बंद कर दिया । इस प्रथा के विरुद्ध आंदोलन के मुख्य प्रेरक राजा राम मोहन राय कहे जाते है ।