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रीढ़

विक्षनरी से


प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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रीढ़ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ रीढ़क] पीठ के बीचोबीच की वह खड़ी हड्डी जो दर्दन से कमर तक जाती है और जिससे पसलियाँ मिली हुई रहती हैं । मेरुदंड । विशेष— यह वास्तव में एक ही हड्डी नहीं होती, बल्कि बहुत सी हड्डीयों की गुरियों की एक श्रृंखला होती है । इसे शरीर का आधार समझना चाहिए । इसका सीधा लगाव मस्तिष्क से होता है और बहुत से संवेदनसूत्र इसमें से दोनों ओर निकलकर फैले रहते हैं ।