अमृत
यह एक ऐसा पेय पदार्थ होता है, जिससे पीने के बाद कोई मृत नहीं होता है।
संधि
अ + मृत = अमृत ( अ का उपयोग उसके नकारात्मक अर्थ में करते हैं।)
पर्यायवाची शब्द
प्रकाशितकोशों से अर्थ
शब्दसागर
अमृत ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. वह वस्तु जिसके पीने से जीव अमर हो जाता है । पुराणनुसार समुद्रमंथन से निकले १४ रन्तों में से एक । सुधा । पीयूष । निर्जर ।
२. जल ।
३. घी ।
४. यज्ञ के पीछे की बची हुई सामग्री ।
५. अन्न ।
६. मुक्ति ।
७. दूध ।
८. औषधि ।
९. विष ।
१०. बछनाग ।
११. पारा ।
१२. धन ।
१३. सोना ।
१४. हृद्य पदार्थ ।
१५. वह वस्तु जो बिना माँगे मिले ।
१६. सुस्वादु द्रव्य । मीठी या मधुर वस्तु ।
१७. अमर । देवता (को॰) । उ॰—राजकुमार, ब्राह्मण.... स्वराज्य में बिचरता है और अमृत होकर जीता है ।— चंद्र॰ पृ॰ ५६ ।
१८. धन्वंतरी (को॰) ।
१९. इंद्र (को॰) ।
२०. सूर्य (को॰) ।
२१. शिव (को॰) ।
२२. विष्णु (को॰) ।
२३. सोमरस (को॰) ।
२४. पानी (को॰) ।
२५. चार की संख्या (को॰) ।
२६. निर्गुण मतानुसार वह रस जो तालुमूल— स्थित चन्द्रमा से स्त्रवित होता है और जिसे योगी साधना द्वारा जीभ को उलटा करके पीता है ।
२७. बाराही कंद (को॰) ।
२८. परब्रह्म (को॰) ।
२९. भात (को॰) ।
अमृत ^२ वि॰ [सं॰]
१. जो मरा न हो ।
२. जो मरणशील न हो ।
३. अमरत्व प्रदान करनेवाला ।
४. अविनश्वर । शाश्वत ।
५. प्रिय । अभीष्ट । सुंदर [को॰] ।